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जमयांग सेरिंग नामग्याल
Jamyang Tsering Namgyal
देश भर में धारा 370 के मुद्दे पर चर्चाओं का दौर अभी तक रुका नहीं है, लेकिन इन सबके बीच एक नाम ऐसा भी है जो सबसे ज्यादा वाहवाही लूट रहा है। छह अगस्त को धारा 370 पर बहस के दौरान इस सांसद ने पुरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। लोकसभा में जमकर तालियां बटोरीं। ये शख्स लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल (Jamyang Tsering Namgyal) हैं। हिंदी में दिए भाषण को सुनकर संसद में कभी ठहाके और तो कभी भारत माता की जय के नारे लगे।विपक्षियों को जमकर निशाने पर लिया, सभी मुद्दों पर तथ्यात्मक रिपोर्ट भी दिखाई। उनके भाषण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने ट्वीटर अकाउंट पर भी शेयर किया। जामयांग सेरिंग नामग्याल अब सोशल मीडिया पर भी अच्छे खासे छाये हुए हैं। 6 महीने पहले ही जामयांग सेरिंग नामग्याल की शादी हुई है। पत्नी डॉ सोनम वांगमो सरकारी कॉलेज में ऐसोसिएट प्रोफेसर है।
संघर्ष भरा रहा बचपन
नामग्याल साधारण परिवार से हैं। जामयांग सेरिंग नामग्याल का जन्म 4 अगस्त 1985 को जम्मू-कश्मीर के लेह में माथो गांव में हुआ था। उनके पिता स्टैनजिन दोर्जी मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) में कारपेंटर का काम करते थे। मां ईशे पुतित एक हाउसवाइफ थीं। नामग्याल ने 12वीं की पढ़ाई के बाद जम्मू विश्वविद्यालय से बीए किया। बीए करने के बाद वो सामाजिक कार्यों में जुट गए।कॉलेज के दौरान वे छात्र नेता भी रहे हैं। वो बचपन से ही कविता पढ़ने और लेखन के शौकीन हैं। छात्र राजनीती के समय भी उन्होंने लद्दाख में उच्च शिक्षा के लिए इंस्टिट्यूट और विश्वविद्यालय खोलने को लेकर सरकार के समक्ष बातें रखी और प्रदर्शन किए। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान जब अपनी संपत्ति का ब्योरा पेश किया तो उसमें सिर्फ उनकी कुल जमा राशि व एसेट दस लाख रुपये ही थे. ये उन्होंने एफिडेविट में दिया था।
युवा सांसद
महज 34 साल की उम्र में ही लोकसभा सदस्य के रूप में लद्दाख से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। साल 2019 में हुए आम चुनाव में पहली बार वो सांसद चुनकर संसद में पहुंचे हैं। वो लोकसभा में दिए गए वक्तव्य से देश भर में सुर्ख़ियों में हैं। नामग्याल का दूसरा सबसे बड़ा शौक लिखना है। अपने आसपास की समस्याओं से लेकर अपने भावों को कागज पर उतारने का उन्हें शौक है। संसद में भी उन्होंने अपने भाषण के बीच इनके बार कविताओं और शायरियों का इस्तेमाल किया।
राजनीति की शुरुआत
2014 में भाजपा ज्वाइन किया और लोकसभा चनाव प्रचार में जुट गए। चुनाव प्रचार को भाजपा हाई कमान में काफी सराहा।छावांग के पक्ष में प्रचार किया, जो मात्र 36 वोटों के नजदीकी अंतर से हार गए थे। नामग्याल ने 2015 में पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया। भाजपा ने उन्हें मार्टसेलंग निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया और वो 825 मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीते। काउंसलर बनने के बाद 2018 में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष के रूप में चुने गए। इस तरह उनका सियासी सफर शुरू हुआ और उन्हें 2019 में लोकसभा का टिकट मिला। इसका रिजल्ट ये रहा कि वो लद्दाख लोकसभा सीट पर रिकॉर्ड 11000 वोटों से अपने विपक्षी उम्मीदवार से जीते।
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