- Get link
- X
- Other Apps
कार्तिक
क्रिकेट की दुनिया हर रोज कोई सितारा चमकता है तो कोई चमकते-चमकते रह जाता है. पर कुछ प्रतिभाएं ऐसी होती है जिनका नाम इतिहास के पन्नो में लिखा जाता जो अपने और देश के लिए महान योगदान देकर जाते है. इसी तरह की प्रतिभा नज़र आती है इस खिलाड़ी में, जी हाँ दोस्तों कार्तिक त्यागी ये वो नाम है जो हाल ही में सबके सामने आया है और इसका कारण है इस खिलाड़ी का हुनर जिसकी तुलना बड़े-बड़े नामो के साथ की जा रही है. यहीं उम्मीद की जा रही है कि ये नाम भविष्य में बहुत बड़ा बनेगा. चलिए जानते है एक किसान के बेटे कार्तिक त्यागी की कहानी.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ के रहने वाले, कार्तिक त्यागी एक भारतीय क्रिकेटर हैं जो दाएं हाथ से तेज गेंदबाज़ी करते है. कार्तिक का जन्म 8 नवम्बर 2000 को उतरप्रदेश के हापुर जिले के धनौरा गाँव में हुआ था. कार्तिक के पिता का नाम योगेन्द्र त्यागी है जो एक किसान है और खेती करते है. माता नीलम त्यागी, बहन नंदिनी त्यागी है. कार्तिक के पिता ने इसी के सहारे अपने बेटे को इस बड़े मुकाम तक पहुँचाया है.
पूरा नाम
कार्तिक त्यागी ( Kartik Tyagi )
पिता का नाम
योगेन्द्र त्यागी
माता का नाम
नीलम त्यागी
जन्म दिनांक (Birth)
8-11-2000
जन्म स्थान (Birth Place)
हापुर, उत्तरप्रदेश
परिवार (Family)
4 लोग
शैक्षणिक योग्यता (Qualification)
ज्ञात नहीं
धर्म (Region)
हिन्दू
जाति (Cast)
ज्ञात नहीं
पेशा (Profession)
क्रिकेटर
खेल का प्रकार (Playing Style)
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज़
घरेलु टीम (Home Team)
उत्तरप्रदेश
कोच (Coach)
दीपक चौहान
कार्तिक ने 12 साल की उम्र से ही अपने जूनून क्रिकेट का पीछा करना शुरू कर दिया था. कार्तिक को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलाने के लिए उनके पिता योगेंद्र ने ढेरों दिक्कतों का सामना किया है. एक वह वक्त भी था जब त्यागी अपने पिता के खेतों में उनकी मदद करते थे. इन सभी स्ट्रगल के बीच एक बात तय थी कि वह क्रिकेटर बनना चाहते थे. कहते हैं न जहां चाह है वहीं राह है… यह सच भी साबित हुआ.
कार्तिक का बोरे ढोने वाले मजदूर से जूनियर इंटरनैशनल टीम में सिलेक्शन तक का सफर आसान नहीं रहा. वर्ष 2012 में कार्तिक ने हापुड़ के ही एक क्लब में ही क्रिकेट के टिप्स सीखना शुरू किया. चूँकि वहां सुविधाएँ कम थी और वहां से क्रिकेट में आगे बढ़ना मुश्किल था, तो कार्तिक ने वर्ष 2015 में मेरठ विक्टोरिया पार्क में क्रिकेट का अभ्यास करना शुरू किया.
कार्तिक के हुनर को देखते हुए पहले उसका सिलेक्शन उत्तरप्रदेश की अंडर-14 टीम में हुआ 2 साल वहां खेलने के बाद उनके अच्छे प्रदर्शन की बदोलत उनका सिलेक्शन उत्तरप्रदेश अंडर-16 में हो गया. अंडर-16 में तेज गेंदबाजी और खतरनाक स्विंग ने बीसीसीआई के चयनकर्ताओं का दिल कुछ इस तरह जीता कि उन्होने कार्तिक त्यागी को सीधे रणजी टाफी के मैच में खेलने का निमंत्रण दे दिया.
कार्तिक ने भी चयनकर्ताओं के निर्णय को सही साबित करते हुए पहले ही रणजी मैच में 3 विकेट चटकाकर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा दी. रणजी मैच में कार्तिक ने शानदार प्रदर्शन किया. कार्तिक का जादू यहीं नही रुका रणजी में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए सिलेक्टर्स ने उनका नाम उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम में सिलेक्ट कर लिया. जब उनके सिलेक्शन की खबर उनके गाँव में फेली तो पूरा गाँव उन्हें बधाई देंने उनके घर पहुंचा.
फिर कार्तिक त्यागी के जीवन में एक मोड़ आया और उन्हें इस खेल को छोड़ना पड़ा. कार्तिक को खेल के दौरान एक चोट लगी थी जहाँ उसे अपना नाम खेल से हटाने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन कार्तिक को उसका रास्ता पता था. उसने जबरदस्त वापसी करते हुए फिर टीम में जगह बना ली और मैचों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे कार्तिक त्यागी पर सिलेक्शन कमिटी की नज़र शुरू से थी, जिस तरह प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती, ठीक उसी तरह भीड चाहे जितनी भी हो पारखी नजरें प्रतिभावान पर पड़ ही जाती है. कार्तिक के रणजी और घरेलु क्रिकेट के प्रदर्शन को देखते हुए उनका चुनाव 2019 अंडर-19 वर्ल्ड टी-20 की भारतीय टीम में हो गया.
एक किसान का बेटा अपने हुनर का परचम लहराते हुए आईपीएल 2020 की ऑक्शन के लिए सिलेक्ट हो गया. राजस्थान रॉयल और किंग्स इलेवन पंजाब के बिच कार्तिक को खरीदने की होड़ लगी हुई थी. इसीलिए तो 20 लाख की बेस प्राइस के खिलाड़ी को 1.30 करोड़ में राजस्थान रॉयल ने खरीदकर अपनी टीम में शामिल किया.
कार्तिक त्यागी ने 6 अक्टूबर 2017 को 2017-18 रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया.
उन्होंने 5 फरवरी 2018 को विजय हजारे ट्रॉफी 2017-18 में उत्तर प्रदेश के लिए अपनी List-A में पदार्पण किया.
दिसंबर 2019 में, वे 2020 अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की में चुना गया.
2020 की आईपीएल नीलामी में, उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने 2020 इंडियन प्रीमियर लीग से आगे खरीदा था.
कार्तिक एक किसान परिवार में पैदा हुए थे और बहुत ही कठिनाई और संघर्ष के साथ, उन्होंने राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाई। कार्तिक का मानना है कि उनके पिता के समर्थन ने उन्हें इतने बड़े स्तर पर पहुंचा दिया.
Comments
Post a Comment