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हिंदी दिवस
हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है और उसी दिन इसे भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक घोषित किया गया था। दुनिया की चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा के रूप में इसके महत्व का जश्न मनाने के लिए एक खास दिन सम्मान देने के लिए निश्चित किया गया है। इस भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जो इसे अद्वितीय बनाते हैं।
हिंदी दिवस – एक महत्वपूर्ण कदम
भारत में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृत करने का कदम स्वागत योग्य हैं हालांकि हर वर्ष हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय वाकई काबिले तारीफ है। हिंदी दिवस एक अनुस्मारक है कि जहां भी हम जाएँ हमें अपने आदर्शों और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। यही हमें परिभाषित करता है और हमें इसका आनंद उठाना चाहिए। यह दिन विभिन्न सरकारी संस्थानों में उत्साह से मनाया जाता है।
हिंदी भाषा के बारे में दिलचस्प तथ्य
हिंदी भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
हिंदी नाम फारसी शब्द हिंद से बना है जिसका मतलब है कि सिंधु नदी का भूमि।
हिंदी मूलतः भाषाओं के इंडो-यूरोपियन परिवार के इंडो-आर्यन भाषाओं के सदस्यों में से एक है।
भाषा में कोई भी लेख शामिल नहीं है।
हिंदी में कई शब्द संस्कृत से प्रेरणा लेते हैं।
हिंदी को पूरी तरह ध्वन्यात्मक लिपि में लिखा गया है। इस भाषा के शब्दों को उसी तरह स्पष्ट किया जाता है जिस तरह से वे लिखे गए हैं।
दुनिया भर में ऐसे कई शब्दों का प्रयोग किया जाता है जो लगता है कि अंग्रेजी के शब्द हैं परन्तु वास्तव में ये शब्द हिंदी भाषा से हैं। इनमें से कुछ शब्द जंगल, लूट, बंगला, योग, कर्म, अवतार और गुरु हैं।
हिंदी भाषा में सभी संज्ञाओं में लिंग हैं। ये या तो स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग हैं। इस भाषा में विशेषण और क्रियाएँ लिंग के आधार पर भिन्न होती हैं।
यह उन सात भाषाओं में से एक है जो वेब एड्रेस बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं।
दुनिया में हर ध्वनि हिंदी भाषा में लिखी जा सकती है।
हिंदी भाषा का प्रयोग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अन्य देशों में भी किया जाता है जिनमें पाकिस्तान, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
स्कूलों में हिंदी दिवस जरुर मनाया जाना चाहिए
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदी भारत में सबसे अधिक व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है और इसे भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में स्वीकृत किया गया है परन्तु भारत में अधिकांश विद्यालयों को इसे महत्वहीन मानते हैं। अंग्रेजी को अधिक महत्व दिया जाता है और मौखिक और लिखित अंग्रेजी दोनों सीखने पर दबाव बनाया जाता है।
बच्चे इन दिनों एक अलग मानसिकता के साथ बड़े होते हैं। उनके हिसाब से जो व्यक्ति अंग्रेजी बोलता है वह सब कुछ जानता है और अन्य लोग, जो अंग्रेजी नहीं जानते, के मुकाबले बेहतर हैं। जो लोग साक्षात्कार या अन्य जगहों पर हिंदी बोलते हैं उन्हें कमतर आंका जाता है। इस मानसिकता को बदला जाना चाहिए। यह सच है कि अंग्रेजी एक वैश्विक भाषा है और इसे विशेष रूप से कॉर्पोरेट जगत में प्राथमिकता दी जाती है और छात्रों को मौखिक और लिखित रूप से प्रयोग में लाने वाली अंग्रेजी को सुधारना गलत नहीं है। हालांकि उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि हिंदी किसी भी वजह से अंग्रेजी से कम है। यह समय है कि विद्यार्थियों को दोनों भाषाओं, अंग्रेजी और हिंदी, को एक जैसा मानना और सम्मान करना सिखाया जाना चाहिए।
जैसे विद्यालय दीवाली, स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी जैसे अन्य विशेष अवसरों पर मजेदार गतिविधियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं उसी तरह उन्हें अपनी मातृभाषा को सम्मान देने के लिए हिंदी दिवस को मनाना चाहिए।
निष्कर्ष
हिन्दी दिवस हमारी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को सम्मान देने का एक शानदार तरीका है। नई पीढ़ी पश्चिमी संस्कृति और अंग्रेजी भाषा से अधिक प्रभावित है और उनका आँख बंद करके पालन कर रही है। यह दिन उनकी संस्कृति की याद दिलाने का एक अच्छा तरीका है जो उनके चरित्र-निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
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