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जूही चावला की जीवनी

  जन्म जूही चावला का जन्म 13 नवंबर 1967 को अंबाला, हरियाणा में हुआ। उनके पिता का नाम एस चावला   और मां का नाम मोना चावला है। उनके बड़े भाई का नाम बॉबी चावला है और उनकी बहन का नाम सोनिया चावला है। जूही के पिता पंजाबी और माता गुजराती हैं। उनके पिता भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी थे। जूही चावला की धडी बिजनेसमैन जय मेहता से हुई है, उनके दो बच्चे भी हैं उनके बेटे का नाम अर्जुन और उनकी बेटी का नाम जहान्वी है। जय मेहता और जूही चावला इंडियन प्रीमियर लीग टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सह-मालिक हैं, जिन्होंने शाहरुख खान के साथ अपनी कंपनी रेड मिर्च एंटरटेनमेंट के तहत भागीदारी की। उनके भाई बॉबी चावला लाल मिर्च एंटरटेनमेंट के सीईओ थे। शिक्षा जूही चावला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फ्रंट कॉन्वेन्ट स्कूल मुंबई से की. उन्होंने आगे की पढ़ाई सिडनहम कॉलेज मुंबई से की. जूही ने क्लासिकल डांस और सिंगिंग की ट्रेनिंग भी ली है पढ़ाई खत्म करने के बाद जूही ने वर्ष 1984 में मिस इंडिया प्रतियो...

JEEVAN SATHI (DEEPAK AND MAMTA)

  Life Partner Names:  Deepak Yadav and Mamta Yadav Date of Birth: Deepak Yadav- 02 February 1986 Mamta Yadav - 15 February 1993 Mariage Date: 07 July 2006 Childrens Name: Bhawesh Yadav (03 November 2008) Avantika Yadav (24 June 2011) Vaishnavi Yadav (13 September 2014) Blood Group   Bhawesh Yadav (O positive) Avantika Yadav (AB Positive) Vaishnavi Yadav (AB Positive)

बेगम हजरत महल

भारत भूमि की पावन धरती पर ऐसी अनगिनत महिलाओं ने जन्म लिया , जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर अपने राज्य की स्वाधीनता की रक्षा की । ऐसी वीरांगनाएँ केवल राजन और मराठा स्त्रियाँ ही नहीं थीं . मुगल स्त्रियाँ भी थीं , जिन्होंने भारत - भूमि को अपना ही देश समझा और अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलाने के लिए युद्ध की आग में कूद पड़ीं । अंग्रेजों की कूटनीति ताकत और षड्यंत्रों के सामने जहाँ बड़े - बड़े राजा महाराजा नतमस्तक हो गए थे . वहीं अवध को बंगम हजरत महल ने उन्हें युद्ध की चुनौती देकर यह जता दिया कि हिंदुस्तान की जनता उनको हुकूमत नहीं चाहती है । अवध के नवाब वाजिद अली शाह भी अस्वस्थ होने के कारण अंग्रेज़ों का विरोध करने में स्वयं को असमर्थ समझ रहे थे । 6 फरवरी , 1856 को अंग्रेज़ हुक्मरानों ने अवध राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिलाने का हुक्म जारी किया । नवाब वाजिद अली शाह के समर्पण कर देने पर उन्हें अवध से कलकत्ता भेज दिया गया । अंग्रेजों से लोहा लिए बिना ही नवाब वाजिद अली शाह का आत्मसमर्पण कर देना बेगम हजरत महल को नहीं सुहाया । उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की ईंट से ईंट बजा देने की कसम खाई । अवध की शासन ...

अनूठा गुजरात

हमारा भारत देश महान है । इसमें उनतीस राज्य व सात केंद्रशासित प्रदेश हैं । इन्हीं राज्यों में से एक राज्य है- गुजरात विविध संस्कृतियों और लोक कलाओं को समेटे गुजरात एक अनूठा राज्य , जहाँ परंपराओं व आधुनिकता का अनुपम समावेश हुआ है । विशाल सागर तट , भाँति - भाँति की लोक - संस्कृतियाँ , सोमनाथ का मंदिर , दूर तक फैला कच्च का रेगिस्तान , श्रीकृष्ण की नगरी द्वारिका , साबरमती का आश्रम - इन सबसे मिलकर बना गुजरात । गुजरात का नाम लेते ही याद आता है यहाँ धूमधाम से मनाया जाने वाला नवरात्रि महोत्सव और गरबा नृत्य करते थिरकते - झूमते गुजराती लोग ।  पश्चिमी भारत में स्थित गुजरात एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण राज्य है । प्राचीन काल में यहाँ गुर्जरों का साम्राज्य होने के कारण इसे ' गुर्जरभूमि ' कहा जाता था , यहीं से इसका नाम गुजरात पड़ा । मौर्य , गुप्त , प्रतिहार जैसे अनेक प्रसिद्ध राजवंशों ने यहाँ राज्य किया । महमूद गज़नवी द्वारा सत्रह बार की गई लूट - पाट के बावजूद चालुक्य राजाओं का शासनकाल गुजरात में प्रगति और समृद्धि का युग था । गुजरात ने अपनी परंपराओं को आज तक जीवित रखा है । प्रतिवर्ष 14 जनवरी को अहम...

युग पुरुष स्वामी विवेकानंद की जीवनी

" भारत की मिट्टी ही मेरा स्वर्ग है और हर भारतवासी मेरा बंधु है । " ये शब्द हैं भारत भूमि के गौरव स्वामी विवेकानंद के मात्र एक वाक्यांश- " मेरे अमरीकी भाइयो और बहनो ! " कहकर अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र को भी वशीभूत कर लेने वाले स्वामी विवेकानंद एक अनुपम वक्ता , वेदों के मर्मज्ञ , परम योगी तथा सच्चे देशभक्त थे । स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी , 1863 को कलकत्ता शहर में हुआ था । उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त एक सुप्रसिद्ध वकील तथा फारसी और संस्कृत भाषा के ज्ञाता थे । वे बेहद धार्मिक , समाजसेवी व प्रगतिशील विचारों से युक्त व्यक्तित्व थे । नरेंद्र की माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवी अत्यंत धार्मिक और विदुषी महिला थीं । बालक नरेंद्र में भी माता - पिता के गुण सहज रूप से आए थे तथा ध्यानोपासना , प्रवल तार्किक शक्ति , कुशाग्रबुद्धि आदि विशेषताएँ उनके स्वभाव में थीं ।  परम संन्यासी श्री रामकृष्ण परमहंस के रूप में उन्हें अद्वितीय गुरु मिले सन् 1881 में इन दोनों दिव्यात्मा पुरुषों का मिलन हुआ था । परमहंस जी ने ही नरेंद्र देव को एक ऐसा महान वट वृक्ष बनने की प्रेरणा दी , जिसकी छत्रछाया म...

बॉक्सर मैरी कॉम की जीवनी

  महिला बॉक्सिंग के शिखर पर खड़ी : मैरी कॉम  विश्व मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता की 5 बार विजेता रह चुकीं भारत की स्टार महिला मुक्केबाज एम ० सी ० मैरी कॉम ने वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत की शान में चार चाँद लगा दिए । विगत वर्ष 2014 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली मैरी कॉम का जन्म मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में 01 मार्च , 1983 को एक गरीब किसान परिवार में हुआ था ।  महिला मुक्केबाजी के क्षेत्र में इतिहास रचनेवाली मैरी कॉम का बचपन अभावों के बीच गुज़रा है । अत्यंत मुश्किलों को झेलकर अपने बूते पर इस ऊँचे मुकाम तक पहुँचने का सफ़र पूरा करने वाली मैरी कॉम आज करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं । मैरी कॉम को इस मुकाम तक पहुँचाने में उनके माता - पिता के अतिरिक्त उनके साथी मणिपुरी बॉक्सर डिंग्को सिंह तथा उनके पति ओन्लर कॉम की भूमिका अत्यधिक महत्त्वपूर्ण रही है । बचपन में अपने माता - पिता के साथ खेतों में काम करनेवाली तथा छोटे भाई - बहनों को छोटी उम्र से ही सँभालने वाली मैरी कॉम के अंदर दृढ़ संकल्प शक्ति एवं आत्मविश्वास से भरा एक ऐसा उत्साही मन है , जिसने उ...

आकाश में भारत के प्रहरी भारतीय वायुसेना

26 फ़रवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पड़ोसी देश में घुसकर कई सारे आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया । शांतिकाल में भारतीय वायुसेना के द्वारा किया गया पहला इस स्तर का ऑपरेशन है । इस ऐतिहासिक कार्यवाही को लेकर जब पूरे देश में हर्ष ही भावना छाई है , हमें उस फ़ौजी क्षमता और हथियारों के विषय में भी जानकारी रखनी चाहिए जिसने हमें ये मुखद क्षण महेया कराए हैं । इस ऑपरेशन में मिराज -2000 लड़ाकू विमानों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है । 21 मई 2015 को इसे दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर उतारा गया था । यह आपातकाल में कहीं पर भी उत्तरने में सक्षम है । यह कोई पहला मौका नहीं है जब यह विमान वायुसेना की उम्मीदों पर खरा उतरा है । 1999 के कारगिल युद्ध के समय में भी ने खासी भूमिका निभाई थी । कारगिल युद्ध में नियंत्रण रेखा ( एल ० ओ ० सी ० ) पार किए बिना भी इस विमान ने बहुत आतंकी ठिकानों को तबाह किया था । उस युद्ध के दौरान मिराज ने 15,000 फ़ीट से ज्यादा की ऊँचाई पर 500 से अधिक उड़ाने भरी थीं और 55,000 विस्फ़ोटक फेंक कर युद्ध को निर्णायक स्थिति में पहुँचाया था । तब मिराज ने दुश्मन के ठिकानों लेज़र गाइड बम ग...