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26 फ़रवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पड़ोसी देश में घुसकर कई सारे आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया । शांतिकाल में भारतीय वायुसेना के द्वारा किया गया पहला इस स्तर का ऑपरेशन है । इस ऐतिहासिक कार्यवाही को लेकर जब पूरे देश में हर्ष ही भावना छाई है , हमें उस फ़ौजी क्षमता और हथियारों के विषय में भी जानकारी रखनी चाहिए जिसने हमें ये मुखद क्षण महेया कराए हैं । इस ऑपरेशन में मिराज -2000 लड़ाकू विमानों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है । 21 मई 2015 को इसे दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर उतारा गया था । यह आपातकाल में कहीं पर भी उत्तरने में सक्षम है । यह कोई पहला मौका नहीं है जब यह विमान वायुसेना की उम्मीदों पर खरा उतरा है । 1999 के कारगिल युद्ध के समय में भी ने खासी भूमिका निभाई थी । कारगिल युद्ध में नियंत्रण रेखा ( एल ० ओ ० सी ० ) पार किए बिना भी इस विमान ने बहुत आतंकी ठिकानों को तबाह किया था । उस युद्ध के दौरान मिराज ने 15,000 फ़ीट से ज्यादा की ऊँचाई पर 500 से अधिक उड़ाने भरी थीं और 55,000 विस्फ़ोटक फेंक कर युद्ध को निर्णायक स्थिति में पहुँचाया था । तब मिराज ने दुश्मन के ठिकानों लेज़र गाइड बम ग...