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जूही चावला की जीवनी

  जन्म जूही चावला का जन्म 13 नवंबर 1967 को अंबाला, हरियाणा में हुआ। उनके पिता का नाम एस चावला   और मां का नाम मोना चावला है। उनके बड़े भाई का नाम बॉबी चावला है और उनकी बहन का नाम सोनिया चावला है। जूही के पिता पंजाबी और माता गुजराती हैं। उनके पिता भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी थे। जूही चावला की धडी बिजनेसमैन जय मेहता से हुई है, उनके दो बच्चे भी हैं उनके बेटे का नाम अर्जुन और उनकी बेटी का नाम जहान्वी है। जय मेहता और जूही चावला इंडियन प्रीमियर लीग टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सह-मालिक हैं, जिन्होंने शाहरुख खान के साथ अपनी कंपनी रेड मिर्च एंटरटेनमेंट के तहत भागीदारी की। उनके भाई बॉबी चावला लाल मिर्च एंटरटेनमेंट के सीईओ थे। शिक्षा जूही चावला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फ्रंट कॉन्वेन्ट स्कूल मुंबई से की. उन्होंने आगे की पढ़ाई सिडनहम कॉलेज मुंबई से की. जूही ने क्लासिकल डांस और सिंगिंग की ट्रेनिंग भी ली है पढ़ाई खत्म करने के बाद जूही ने वर्ष 1984 में मिस इंडिया प्रतियो...

JEEVAN SATHI (DEEPAK AND MAMTA)

  Life Partner Names:  Deepak Yadav and Mamta Yadav Date of Birth: Deepak Yadav- 02 February 1986 Mamta Yadav - 15 February 1993 Mariage Date: 07 July 2006 Childrens Name: Bhawesh Yadav (03 November 2008) Avantika Yadav (24 June 2011) Vaishnavi Yadav (13 September 2014) Blood Group   Bhawesh Yadav (O positive) Avantika Yadav (AB Positive) Vaishnavi Yadav (AB Positive)

बेगम हजरत महल

भारत भूमि की पावन धरती पर ऐसी अनगिनत महिलाओं ने जन्म लिया , जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर अपने राज्य की स्वाधीनता की रक्षा की । ऐसी वीरांगनाएँ केवल राजन और मराठा स्त्रियाँ ही नहीं थीं . मुगल स्त्रियाँ भी थीं , जिन्होंने भारत - भूमि को अपना ही देश समझा और अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलाने के लिए युद्ध की आग में कूद पड़ीं । अंग्रेजों की कूटनीति ताकत और षड्यंत्रों के सामने जहाँ बड़े - बड़े राजा महाराजा नतमस्तक हो गए थे . वहीं अवध को बंगम हजरत महल ने उन्हें युद्ध की चुनौती देकर यह जता दिया कि हिंदुस्तान की जनता उनको हुकूमत नहीं चाहती है । अवध के नवाब वाजिद अली शाह भी अस्वस्थ होने के कारण अंग्रेज़ों का विरोध करने में स्वयं को असमर्थ समझ रहे थे । 6 फरवरी , 1856 को अंग्रेज़ हुक्मरानों ने अवध राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिलाने का हुक्म जारी किया । नवाब वाजिद अली शाह के समर्पण कर देने पर उन्हें अवध से कलकत्ता भेज दिया गया । अंग्रेजों से लोहा लिए बिना ही नवाब वाजिद अली शाह का आत्मसमर्पण कर देना बेगम हजरत महल को नहीं सुहाया । उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की ईंट से ईंट बजा देने की कसम खाई । अवध की शासन ...

अनूठा गुजरात

हमारा भारत देश महान है । इसमें उनतीस राज्य व सात केंद्रशासित प्रदेश हैं । इन्हीं राज्यों में से एक राज्य है- गुजरात विविध संस्कृतियों और लोक कलाओं को समेटे गुजरात एक अनूठा राज्य , जहाँ परंपराओं व आधुनिकता का अनुपम समावेश हुआ है । विशाल सागर तट , भाँति - भाँति की लोक - संस्कृतियाँ , सोमनाथ का मंदिर , दूर तक फैला कच्च का रेगिस्तान , श्रीकृष्ण की नगरी द्वारिका , साबरमती का आश्रम - इन सबसे मिलकर बना गुजरात । गुजरात का नाम लेते ही याद आता है यहाँ धूमधाम से मनाया जाने वाला नवरात्रि महोत्सव और गरबा नृत्य करते थिरकते - झूमते गुजराती लोग ।  पश्चिमी भारत में स्थित गुजरात एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण राज्य है । प्राचीन काल में यहाँ गुर्जरों का साम्राज्य होने के कारण इसे ' गुर्जरभूमि ' कहा जाता था , यहीं से इसका नाम गुजरात पड़ा । मौर्य , गुप्त , प्रतिहार जैसे अनेक प्रसिद्ध राजवंशों ने यहाँ राज्य किया । महमूद गज़नवी द्वारा सत्रह बार की गई लूट - पाट के बावजूद चालुक्य राजाओं का शासनकाल गुजरात में प्रगति और समृद्धि का युग था । गुजरात ने अपनी परंपराओं को आज तक जीवित रखा है । प्रतिवर्ष 14 जनवरी को अहम...

युग पुरुष स्वामी विवेकानंद की जीवनी

" भारत की मिट्टी ही मेरा स्वर्ग है और हर भारतवासी मेरा बंधु है । " ये शब्द हैं भारत भूमि के गौरव स्वामी विवेकानंद के मात्र एक वाक्यांश- " मेरे अमरीकी भाइयो और बहनो ! " कहकर अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र को भी वशीभूत कर लेने वाले स्वामी विवेकानंद एक अनुपम वक्ता , वेदों के मर्मज्ञ , परम योगी तथा सच्चे देशभक्त थे । स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी , 1863 को कलकत्ता शहर में हुआ था । उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त एक सुप्रसिद्ध वकील तथा फारसी और संस्कृत भाषा के ज्ञाता थे । वे बेहद धार्मिक , समाजसेवी व प्रगतिशील विचारों से युक्त व्यक्तित्व थे । नरेंद्र की माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवी अत्यंत धार्मिक और विदुषी महिला थीं । बालक नरेंद्र में भी माता - पिता के गुण सहज रूप से आए थे तथा ध्यानोपासना , प्रवल तार्किक शक्ति , कुशाग्रबुद्धि आदि विशेषताएँ उनके स्वभाव में थीं ।  परम संन्यासी श्री रामकृष्ण परमहंस के रूप में उन्हें अद्वितीय गुरु मिले सन् 1881 में इन दोनों दिव्यात्मा पुरुषों का मिलन हुआ था । परमहंस जी ने ही नरेंद्र देव को एक ऐसा महान वट वृक्ष बनने की प्रेरणा दी , जिसकी छत्रछाया म...

बॉक्सर मैरी कॉम की जीवनी

  महिला बॉक्सिंग के शिखर पर खड़ी : मैरी कॉम  विश्व मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता की 5 बार विजेता रह चुकीं भारत की स्टार महिला मुक्केबाज एम ० सी ० मैरी कॉम ने वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारत की शान में चार चाँद लगा दिए । विगत वर्ष 2014 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली मैरी कॉम का जन्म मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में 01 मार्च , 1983 को एक गरीब किसान परिवार में हुआ था ।  महिला मुक्केबाजी के क्षेत्र में इतिहास रचनेवाली मैरी कॉम का बचपन अभावों के बीच गुज़रा है । अत्यंत मुश्किलों को झेलकर अपने बूते पर इस ऊँचे मुकाम तक पहुँचने का सफ़र पूरा करने वाली मैरी कॉम आज करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं । मैरी कॉम को इस मुकाम तक पहुँचाने में उनके माता - पिता के अतिरिक्त उनके साथी मणिपुरी बॉक्सर डिंग्को सिंह तथा उनके पति ओन्लर कॉम की भूमिका अत्यधिक महत्त्वपूर्ण रही है । बचपन में अपने माता - पिता के साथ खेतों में काम करनेवाली तथा छोटे भाई - बहनों को छोटी उम्र से ही सँभालने वाली मैरी कॉम के अंदर दृढ़ संकल्प शक्ति एवं आत्मविश्वास से भरा एक ऐसा उत्साही मन है , जिसने उ...

आकाश में भारत के प्रहरी भारतीय वायुसेना

26 फ़रवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पड़ोसी देश में घुसकर कई सारे आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया । शांतिकाल में भारतीय वायुसेना के द्वारा किया गया पहला इस स्तर का ऑपरेशन है । इस ऐतिहासिक कार्यवाही को लेकर जब पूरे देश में हर्ष ही भावना छाई है , हमें उस फ़ौजी क्षमता और हथियारों के विषय में भी जानकारी रखनी चाहिए जिसने हमें ये मुखद क्षण महेया कराए हैं । इस ऑपरेशन में मिराज -2000 लड़ाकू विमानों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है । 21 मई 2015 को इसे दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर उतारा गया था । यह आपातकाल में कहीं पर भी उत्तरने में सक्षम है । यह कोई पहला मौका नहीं है जब यह विमान वायुसेना की उम्मीदों पर खरा उतरा है । 1999 के कारगिल युद्ध के समय में भी ने खासी भूमिका निभाई थी । कारगिल युद्ध में नियंत्रण रेखा ( एल ० ओ ० सी ० ) पार किए बिना भी इस विमान ने बहुत आतंकी ठिकानों को तबाह किया था । उस युद्ध के दौरान मिराज ने 15,000 फ़ीट से ज्यादा की ऊँचाई पर 500 से अधिक उड़ाने भरी थीं और 55,000 विस्फ़ोटक फेंक कर युद्ध को निर्णायक स्थिति में पहुँचाया था । तब मिराज ने दुश्मन के ठिकानों लेज़र गाइड बम ग...

भारत रत्न सम्मान से पुरस्कृत भूपेन हजारिका की जीवनी

भारत के लोक संगीत को जन - जन तक पहुंचाने वाले भूपेन हजारिका के जन्म , शिक्षा और कृतित्व पर इस लेख में प्रकाश डाला गया है । भारत सरकार ने उनकी उपलब्धियों का सम्मान करते हुए उन्हें ' भारत रत्न सम्मान से पुरस्कृत किया । अपनी आवाज से लाखों लोगों को प्रशंसक बनाने वाले कवि , संगीतकार , गायक , अभिनेता , पत्रकार , लेखक और निर्माता भूपेन हजारिका ने असम को समृद्ध लोक संस्कृति को गीतों के माध्यम से सारी दुनिया में पहुँचाया । संगीत प्रेमियों के लिए हजारिका प्रेम , प्रकृति और मानवीय संवेदनाओं के गीतकार थे । वे ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत स्वयं लखने और संगीतबद्ध करते थे । उन्हें दक्षिण एशिया के श्रेष्ठतम सांस्कृतिक दूतों में से एक माना जाता है । भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों दिलों को हुआ है । अपनी मूल भाषा असमिया के अतिरिक्त वे हिंदी , बांग्ला आदि अनेक भाषाओं के गीत भी गाते थे । हजारिका की असरदार आवाज़ में जिन्होंने उनके गीत ' ओ गंगा तू बहती है क्यों ' और ' दिल हूम - हूम करे ' को सुना है वह इस बात को अस्वीकार नहीं कर सकता कि भूपेन दा का जादू उस पर अवश्य चला है । फ़िल्म ...

जापान

   जापान को ' उगते हुए सूरज का देश कहा जाता है । प्रातःकाल उदित होत सूरज की सबसे पहली किरण जापान को ही नींद से जगाती है । इलेक्ट्रॉनिक्स और विज्ञान तकनीकी के क्षेत्र में जापान ने विशेष सफलता प्राप्त की है । यहाँ की तकनीक संपूर्ण विश्व में अपनी गुणवत्ता के लिए नाम कमा चुकी है । एफिल टावर से प्रेरित होकर 1958 में टोकियो के ' मिनटो ' नामक स्थान पर टोकियो टावर का निर्माण किया गया था । सफ़ेद और नारंगी रंग के इस टावर की ऊँचाई 333 मीटर ( लगभग 1093 फुट ) है । यह टावर अपनी ऊँचाई से जापान के तकनीकी विकास की घोषणा करता प्रतीत होता है । जापान में लोग एक दूसरे का अभिनंदन करने के लिए अपना सिर झुका कर , ' योरो शिकु आनेगाई शिमासु ' बोलते हैं । इसका अर्थ स्वागत करना होता है । जापान का पारंपरिक बौद्ध मंदिर ' कामाकुरा ' में स्थित है । इसकी स्थापना 1252 में हुई थी । इस मंदिर में स्थित भगवान बुद्ध की प्रतिमा 13.35 मीटर ऊँची है । जापानी लोग पारंपरिक संस्कृति को अपनी बहुमूल्य धरोहर मानते हैं । यहाँ अधिकतर लोग पारंपरिक कपड़े ही पहनते हैं जिन्हें ' किमोनो ' कहते हैं । ये कपड...

हमारे बदलते गाँव

प्रस्तुत पाठ में गाँवों के बदलते स्वरूप का वर्णन किया गया है । यह भी बताया गया है कि इन बदलावों से गाँवों पर अच्छे और बुरे प्रभाव पड़े हैं और नई पीढ़ी गाँवों के विकास में योगदान दे सकती है । रेलगाड़ी ने स्टेशन छोड़ा । धीरे - धीरे स्टेशन पीछे छूटने लगा दादा ने चश्मा ठोक किया और किताब खोली । मोनू खिड़की से बाहर झाँक रहा था । अचानक उसने दादा जो का हाथ पकड़कर खींचा और कहा , " दादा जी देखिए सफ़ेद बकरियाँ " दादा जो ने खिड़की के बाहर देखा , फिर मुस्कुराकर बोले , “ मोनू बाबू , ये बकरियाँ नहीं भेड़ें हैं । " मोनू का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया । " इतनी सारी भेड़ें एक साथ ! " दादा जी ने किताब बंद करके एक ओर रख दी और मोनू से बोले , " भेड़ - बकरियों को तो हमेशा झुंड में ही पालते हैं । अब शाम घिर आई है इसलिए चरवाहे इन्हें वापस घर ले जा रहे हैं । बेटा , यह तो गाँवों का बड़ा स्वाभाविक सा दृश्य है कि सुबह पशु चारागाह * में चराने के लिए ले जाए जाते हैं और शाम को वे सब अपने - अपने घर लौट आते हैं । ' “ क्या जानवरों का भी घर होता है ? " मोनू ने पूछा । दादा जी के मुँ...

मनीषा कोइराला की जीवनी

मनीषा कोइराला मनीषा कोइराला  नेपाली मूल की भारतीय अभिनेत्रीं हैं। वह हिंदी फिल्मों के अलावा के नेपाली, तमिल, तेलुगु मलयालम फिल्मों में सक्रिय हैं। वह भरतनाट्यम और मणिपुरी नृत्य में भी पूर्ण रूप से पारंगत हैं।  पृष्ठभूमि   मनीषा कोइराला का जन्म 16 अगस्त 1970 को नेपाल के काठमांडू में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रकाश कोइराला और माँ का नाम सुषमा कोइराला हैं।  इनके पिता नेपाल राजीनीति में कैबिनेट मंत्री हैं। वह नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बिश्वेश्वर प्रसाद कोइराला की नातिन हैं। इनका एक भाई है- सिद्धार्थ कोइराला-जोकि एक बॉलीवुड अभिनेता है।  पढ़ाई मनीषा की शुरूआती पढाई वाराणसी के वंसत कन्या महाविद्यालय से हुई हैं। उसके बाद वह सेकंडरी की पढ़ाई करने के लिए आर्मी स्कूल धौलकुआं नई दिल्ली चली गयीं। मनीषा बचपन से डॉक्टर बन दूसरों की सेवा करने की चाहत थी, लेकिन मॉडलिंग ने उनके लिए फ़िल्मी दुनिया के द्वार खोल दिए। शादी   मनीषा कोइराला की शादी नेपाली बिजनेसमैंन सम्राट दहाल से 19 जून 2010 को हुई थी। लेकिन यह शादी ज्यादा दिन नहीं टिक सकी, और 2012 में इस जोड़ी ने तलाक ले लिया।...

पूजा भट्ट की जीवनी

पूजा भट्ट पूजा भट्ट भारतीय फिल्म अभिनेत्री,निर्माता निर्देशक हैं। इनका जन्म 24 फ़रवरी 1972 को मुंबई में मशहूर फिल्म निर्माता, निर्देशक महेश भट्ट जी के घर हुआ। पृष्ठभूमि  पूजा भट्ट  का जन्म 24 फ़रवरी 1972 को मुंबई में हुआ था।  उनके पिता हिंदी सिनेमा के मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट हैं।  उनकी माँ का नाम किरण भट्ट है।  वह सोनी राजदान की सौतेली बेटी हैं। उनका एक भाई राहुल भट्ट और दो सतौली बहनें हैं-आलिया भट्ट और शाहीन भट्ट हैं।  आलिया भट्ट एक फिल्म अभिनेत्रीं हैं।  उनके दो कजिन भाई हैं। मोहित सूरी जोकि फिल्म निर्देशक हैं।  इमरान हाश्मी जोकि एक फिल्म अभिनेता हैं।   करियर  पूजा भट्ट ने अपने करियर की शुरुआत महज 17 साल की उम्र में टीवी फिल्म डैडी से की थी।  इस टीवी फिल्म का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था।  इस नाटक की पृष्ठभूमि एक शराबी पिता और उसके बेटी रिश्ते पर आधारित थी।  इस फिल्म में उनके पिता की भूमिका अनुपम खेर ने अदा की थी। पूजा भट्ट को  पहचान फिल्म दिल है  की मानता नही से मिली थी।  यह फिल्म ऑस...

नुसरत जहाँ की जीवनी

नुसरत जहाँ नुसरत जहान एक भारतीय अभिनेत्री है जो बंगाली सिनेमा में काम करती है। वह एक राजनीतिज्ञ भी हैं और 17 वीं लोकसभा में बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा की सदस्य हैं। नुसरत जहाँ जैन (विवाहित नाम) का जन्म 8 जनवरी 1990 (उम्र 29 वर्ष; 2019 में) कोलकाता में हुआ था। उसकी राशि मकर है। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई हमारी लेडी क्वीन ऑफ़ द मिशन स्कूल, कोलकाता से की और कोलकाता के भवानीपुर कॉलेज से उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की। भौतिक उपस्थिति ऊँचाई: 5 ′ 7 ′ वजन: 50 किलो चित्रा माप: 34-27-34 आंखों का रंग: गहरा भूरा बालों का रंग: भूरा (रंगे हुए) परिवार, जाति और पति नुसरत जहान एक बंगाली मुस्लिम परिवार से हैं। उनकी दो बहनें हैं जिनका नाम नुज़त जहाँ और पूजा प्रसाद है। वह कदीर खान के साथ रिश्ते में थीं। वह जमशेदपुर के एक व्यापारी विक्टर घोष के साथ रिश्ते में होने की अफवाह थी। उसने 19 जून 2019 को तुर्की के बोडरम में एक शांत समारोह में एक व्यवसायी निखिल जैन से शादी कर ली। अभिनय कैरियर उन्होंने 2010 में सौंदर्य प्रतियोगिता फेयर-वन मिस कोलकाता जीतने के बाद एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया ...

रविचंद्रन अश्विन की जीवनी

रविचंद्रन अश्विन रविचंद्रन अश्विन एक भारतीय क्रिकेट आलराउंडर खिलाड़ी हैं जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों के लिए जाने जाते हैं। 2016 में, वे राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के बाद एकमात्र भारतीय बन गए जिन्होंने आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता। 2010 में इंटरनेशनल क्रिकेट करियर शुरुवात करने वाले रविचंद्रन अश्विन ने अबतक 300 से ज्यादा टेस्ट में विकेट ले चुके हैं वही एकदिवसीय मैच में 150 विकेट से ज्यादा हैं. रविचंद्रन अश्विन का जन्म 17 सितम्बर 1986 को एक तमिल परिवार में हुआ। वह मेम्बलम पश्चिम चेन्नई में रहते हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा पद्म शेषाद्रि बालभवन तथा सेंट बेद से प्राप्त की। एस एस एन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में बी टेक की डिग्री प्राप्त की। उनके पिता रविचंद्रन क्लब में तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर क्रिकेट खेलते थे इन्ही अश्विन को क्रिकेट की प्रेरणा मिली। अश्विन की माँ चित्रा ने उनकी लंबी गेंदबाज़ी रन अप में समस्या को देखते हुए उन्हें स्पिन गेंदबाजी की सलाह दी। 13 नवम्बर 2011 को उन्होंने अपनी बचपन की दोस्त प्रीति नारायणन से विवाह किया। 11 जुलाई 2015 को उनकी...

कुमार सानु की जीवनी

कुमार सानु कुमार सानू हिंदी सिनेमा के एक जानेमाने पार्श्व गायक हैं। 20 अक्टूबर, 1957 को कोलकता में जन्मे कुमार सानू का मूल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। उनके पिताजी स्वयं एक अच्छे गायक और संगीतकार थे। उन्होंने ही कुमार सानू को गायकी और तबला वादन सिखाया था। गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानने वाले सानू ने गायकी में अपना खुद का अलग अंदाज़ बनाये रखा है। कुमार सानू के घर पर शुरू से ही संगीत की परंपरा थी। पिताजी शास्त्रीय संगीत के टीचर थे। मां भी गाती थीं। बड़ी बहन भी रेडियो में गाती है और आज भी वह पिताजी का संगीत स्कूल चला रही हैं। इस तरह परिवार के माहौल ने सानू को एक अच्छा गायक बना दिया। करीब करीब 350 से अधिक फिल्मों के लिए गा चुके कुमार सानू को सफलता वर्ष 1990 में बनी ‘आशिकी’ फिल्म से मिली जिसके गीत सुपरहिट हुए और कुमार सानू लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए थे। बहरहाल, आशिकी कुमार सानू की पहली फिल्म नहीं थी। उनको पहला ब्रेक जगजीत सिंह ने दिया था। उन्होंने उन्हें कल्याणजी आनंद जी से मिलवाया जिन्होंने 1989 में आई फिल्म ‘जादूगर’ के लिए कुमार सानू से गीत गवाया। लगातार पांच बार फ़िल्म...

हिंदी दिवस

हिंदी दिवस हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है और उसी दिन इसे भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक घोषित किया गया था। दुनिया की चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा के रूप में इसके महत्व का जश्न मनाने के लिए एक खास दिन सम्मान देने के लिए निश्चित किया गया है। इस भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जो इसे अद्वितीय बनाते हैं। हिंदी दिवस – एक महत्वपूर्ण कदम भारत में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृत करने का कदम स्वागत योग्य हैं हालांकि हर वर्ष हिंदी दिवस को मनाने का निर्णय वाकई काबिले तारीफ है। हिंदी दिवस एक अनुस्मारक है कि जहां ​भी ​हम जाएँ हमें अपने आदर्शों और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। यही हमें परिभाषित करता है और हमें इसका आनंद उठाना चाहिए। यह दिन विभिन्न सरकारी संस्थानों में उत्साह से मनाया जाता है। हिंदी भाषा के बारे में दिलचस्प तथ्य हिंदी भाषा के बारे में कई दिलचस्प तथ्य हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: हिंदी नाम फारसी शब्द हिंद से बना है जिसका मतलब है कि सिंधु नदी का भूमि। हिंदी मूलतः भाषाओं के इंडो-यूरोपियन परिवार के इंडो-आर्यन ...

वीर सावरकर

वीर सावरकर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था. सावरकर ने 1904 में नासिक में ‘मित्रमेला’ नाम से एक संस्था आरंभ की थी जो शीघ्र ही मेजनी के ‘तरुण इटली’ की तर्ज पर एक गुप्त सभा ‘अभिनव भारत’ में परिवर्तित हो गयी. अभिनव भारत ने अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए विदेशों से अस्त्र-शस्त्र मंगवाया और बम बनाने का काम रूसियों के सहायता से किया. अनेक गुप्त संस्थाएं बम्बई, पूना, नासिक, नागपुर, कोल्हापुर आदि जगहों में सक्रिय थीं. शीघ्र ही सरकार इनकी कार्यवाहियों से पराजित हो गयी. सावरकर स्वदेशी आन्दोलन से भी जुड़े रहे. कालांतर में सावरकर तिलक की स्वराज पार्टी में भी शामिल हुए थे. उनके राष्ट्रभक्ति से पूर्ण भाषणों एवं गतिविधियों से क्रुद्ध होकर ब्रिटिश सरकार ने उनकी BA की डिग्री वापस ले ली थी. जून, 1906 को बेरिस्टर बनने के लिए लंदन गये. वहाँ उन्होंने भारतीय छात्रों को भारत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एकत्र किया. सावरकर ने फ्री इंडिया सोसाइटी नामक एक समूह बनाया जो भारत की स्वतंत्रता के विषय में चर्चा करने के लिए बना था. यह सोसाइटी भारतीय पंचाग के अनुसार विभिन्न पर्वों तथा स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्ब...

महिमा चौधरी की जीवनी

  महिमा चौधरी जन्म महिमा चौधरी का जन्म  13 सितंबर  1973  को  दार्जलिंग, पश्चिम बंगाल  में हुआ था। उनका वास्तविक नाम  ऋतु चौधरी  है। उनके पिता उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और मां नेपाली थीं. महिमा चौधरी एनई 2006 में बिजनेसमैन  बॉबी मुखर्जी  से शादी की थी। लेकिन उनकी शादी कुछ ही दिन चल सकी, और 2016 में वे दोनों अलग हो गए। उनके एक बेटी भी है। जिसका नाम  आर्याना चौधरी (Aryana Chaudhry)  है। शिक्षा महिमा चौधरी ने अपनी हाई-स्कूल तक की पढ़ाई  डाउन हिल स्कूल  से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई  लोरेटो कॉलेज दार्जलिंग  से पूरी की। साल 1990 में वे पढ़ाई छोड़कर मॉडलिंग की दुनिया में अपना करियर सँवारने लगी। उन्होंने अपने मॉडलिंग करियर के दौरान कई विज्ञापनों में भी काम किया। करियर महिमा को हिंदी सिनेमा में लाने का श्रेय निर्देशक सुभाष घई को जाता है। उन्होंने ही महिमा को अपनी आगामी फिल्म प्रदेश में गंगा की भूमिका के लिए फिल्म ऑफर की थी। इस फिल्म में वह अपूर्व अग्निहोत्री और शाहरुख़ खान के अपोजिट नजर आयी थ...

विजय रुपाणी

विजय रुपाणी रूपानी का जन्म 2 अगस्त 1956 को 2 अगस्त 1956 को बर्मा के रंगून में जन्म हुआ। उन्होंने बीए, एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की है। जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रूपानी सौराष्‍ट्र क्षेत्र से आते हैं, जहां जैन बनिया समुदाय काफी बड़ी संख्‍या में है। छात्र जीवन से ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत कर दी थी। रूपानी का जन्म 2 अगस्त 1956 को 2 अगस्त 1956 को बर्मा के रंगून में जन्म हुआ। उन्होंने बीए, एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की है। जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रूपानी सौराष्‍ट्र क्षेत्र से आते हैं, जहां जैन बनिया समुदाय काफी बड़ी संख्‍या में है। छात्र जीवन से ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत कर दी थी। विजय रुपाणी ने धर्मेंद्रसिन्हजी आर्टस कॉलेज से बीए किया और सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया है। वे अपने पिता के दवारा स्थापित कारोबारी फर्म रसिकलाल एंड सन्स में साझीदार भी हैं। वे कभी स्टॉक ब्रोकर (शेयर दलाल) के रूप में भी काम कर चुके हैं। विजय रुपाणी का विवाह अंजलि रूपाणी से हुआ है। अंज​लि रूपाणी भी राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय हैं। व भाजपा की महिला शाखा की सदस्य हैं। दोनों के तीन बच्चे...